हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी ---- दयानन्द कॉलेज में विश्व मानवाधिकार दिवस पर व्याख्यान"
दयानन्द कॉलेज के स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग के तत्वावधान में आज विश्व मानवाधिकार दिवस 2024 पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। प्राचार्य डॉ. लक्ष्मीकांत ने मुख्य वक्ता डॉ. सुधीर कुमार गढ़वाल, सहायक आचार्य, लोक नीति, विधि एवं प्रशासन विभाग, राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय का पुष्पगुच्छ, स्मृतिचिह्न एवं शॉल भेंट कर उनका स्वागत किया। मुख्य वक्ता के रूप में अपने उद्बोधन में डॉ. गढ़वाल ने कहा कि मानवाधिकारों के परिप्रेक्ष्य में प्राचीन समय से चली आ रही सुस्थापित, सुसंगठित परम्पराओं को भूलते जा रहे है, जिनका स्मरण करना जरूरी है। ऐतिहासिक कालक्रम से अपनी बात रखते हुए मुख्य वक्ता ने संवैधानिक उपबन्धों के माध्यम से मानवाधिकारों को संरक्षित, सुरक्षित एवं पल्लवित करने के साथ-2 मानवाधिकारों के हनन होने पर आवाज उठाने को भी बेहद जरूरी बताया। इस सन्दर्भ में उन्होंने हाल ही में बांग्लादेश में चल रही घटनाओं का जिक्र करते हुए मानवाधिकार हनन की बात कही। विभिन्न प्रसंगों एवं उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने समाज के प्रत्येक वर्ग चाहे वह किसी भी जाति, धर्म, लिंग, रंग का हो, समान और बुनियादी अधिकार मिलने पर जोर दिया। कार्यक्रम में राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के डॉ. गजेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे। महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ. मृत्युंजय कुमार सिंह* ने अतिथियों एवं सभी उपस्थित जनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कला संकाय के अधिष्ठाता डॉ. रफीक खान, डॉ. अनु शर्मा, डा. उन्नति, डॉ. कविता, डॉ. प्रदीप, भूपेंद्र जैसवाल, डॉ. प्रीति, डॉ. श्वेता, डॉ. अमृता, डॉ. नूतन, डॉ. आशा, डॉ. रितु, दीपा हरवानी, आकाश, चन्द्रभान, डॉ. अर्पित सहित अन्य व्याख्याता उपस्थित थे। मंच संचालन युवा विकास केन्द्र के भारत भूषण ने किया।